कुत्तों के हमलों से घायल मादा हिरण की मौत, शिशु को पहूंचाया रेस्क्यू सेंटर
भीलवाड़ा (राजकुमार गोयल) धोरीमन्ना उपखण्ड के पाबूबेरा गांव के धोरो में जंगली कुत्तों ने हिरणों के झुण्ड का पीछा किया तो बाकी हिरण भाग गये लेकिन एक मादा हिरण अपने बच्चे को बचाने के लिए कुत्तों की गिरफ्त में आ गयी।
पर्यावरण सेवक व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई ने बताया कि राउमावि पाबूबेरा के विद्यार्थी रामस्वरूप, मनोहर व अशोक जाणी खेत में काम करने के लिए जा रहे थे तब उनको धोरों में हिरण के रोने की आवाज सुनाई दी तो वो उस तरफ दोङे तब इनकी आवाज सुनकर कुत्ते भाग गये नजदीक जाकर देखा तो मादा हिरण काफी घायल थी और खून बह रहा था तब रामस्वरूप ने मुझे फोन कर घटना की जानकारी दी तो मैं मौके पर पहूंचा और घायल हिरण का प्राथमिक उपचार किया लेकिन खून ज़्यादा बहने के कारण मादा हिरण की मौत हो गई लेकिन उनके शिशु का रेस्क्यू कर उसे मां अमृतादेवी वन्यजीव संरक्षण कातरला को सुपुर्द किया जहां सभी वन्यजीवों का उपचार, सेवा व सुरक्षा की जाती है।
संस्थान के व्यवस्थापक रामजीवन बेनीवाल ने बताया कि रेस्क्यू सेंटर में घायल वन्यजीवों का उपचार, सेवा व सुरक्षा की जाती है तथा खूले वातावरण में घूमने की सुविधा दी जाती है ताकि प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए वन्यजीव सुरक्षित रह सके। आसपास के क्षेत्रों से दुर्घटनाग्रस्त व कुत्तों के हमलों से घायल हिरण, मौर, कबूतर, हिरण, खरगोश व अन्य छोटे बङे जीव जन्तुओं का वन्यजीव प्रेमियों के साथ मिलकर रेस्क्यू किया जाता है और दानदाताओं से सहयोग लेकर इनका इलाज व रेस्क्यू सेंटर का संचालन किया जाता है ।जिसमें स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई का भी समय-समय पर तन,मन और धन से हमेशा सहयोग मिलता रहता है साथ ही साथ स्वयं के निजी वाहन से घायल वन्यजीवों का रेस्क्यू कर सेंटर तक भी पहूंचाते रहते हैं।