रामबास ग्राम पंचायत को गोविंदगढ़ नगरपालिका में शामिल करने की मांग को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने अलवर सांसद को सौंपा ज्ञापन
गोविंदगढ़ नगरपालिका में रामबास ग्राम पंचायत को शामिल करने की मांग की गई है। जिसे लेकर स्थानीय प्रतिनिधि मंडल ने सांसद भूपेंद्र यादव से मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने नगरपालिका का नाम गोविंदगढ़-रामबास करने का भी प्रस्ताव रखा।
प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन में बताया गया कि गोविंदगढ़ और रामबास वास्तव में एक ही क्षेत्र का हिस्सा हैं। दोनों क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति समान है और यहां तक कि दुकानों और मकानों की दीवारें भी एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। गोविंदगढ़ नगरपालिका तीन दिशाओं - पूर्व, पश्चिम और दक्षिण से रामबास से घिरी हुई है।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि रामबास में ही अधिकांश सरकारी और वाणिज्यिक संस्थान स्थित हैं, जिनमें पीएनबी, एसबीआई, सीसीबी बैंक, बिजली पावर हाउस, पशु चिकित्सालय, सामान्य अस्पताल, बस स्टैंड, पोस्ट ऑफिस, श्मशान घाट और रेलवे स्टेशन शामिल हैं।
2011 की जनगणना के अनुसार, गोविंदगढ़ की जनसंख्या 11,552 और रामबास की 7,095 है। वर्तमान में विभाजन के कारण दोनों क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विकास बाधित है। सफाई व्यवस्था, जल निकासी और स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। विशेष रूप से गोविंदगढ़ के निवासी, जो रामबास की भूमि पर रहते हैं, प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालय जैसी सरकारी योजनाओं से वंचित हैं।
प्रतिनिधि मंडल में पूर्व सरपंच गंगा प्रसाद यादव, शक्तिधर भारद्वाज, पूर्व प्रधान तुलसी राम यादव, बच्चू सिंह सहित कस्बे के प्रमुख नागरिक उपस्थित थे।