दान- पुण्य कर मनाया मौनी अमावस्या का पर्व
लक्ष्मणगढ़ (अलवर/ कमलेश जैन) मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है । आज 29 जनवरी माघ माह की अमावस्या को उपखंड क्षेत्र में दान पुण्य कर मनाया गया। धर्मालंबियों ने पिंडदान, तर्पण, अन्न और धन का दान, पवित्र गंगाजल मिलाकर स्नान और मौन व्रत कर मनाया।
योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि अमावस्या तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु और पितरों को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या का आज का पर्व पितरों को मुक्ति दिलाने के लिए मनाया गया। जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु की तिथि की जानकारी नहीं थी उन्होंने आज के दिन अपने पितरों को पिंडदान किए। मौनी अमावस्या पर पितरों के पिंडदान और तर्पण से उन्हें मुक्ति मिल जाती है ।और वे बैकुंठ धाम चले जाते हैं। साथ ही आज के दिन मौन व्रत करने का भी विधान है। धार्मिक अनुयायियों नेआज मौन व्रत धारण किया। शास्त्रों के अनुसार इसे करने से मन काबू में होता है ।और ध्यान में एकाग्रता बढ़ती है। साथ ही वाणी शुद्ध और आध्यात्मिक उन्नति भी होती है।
आज मौनी अमावस्या का महत्व और भी बढ़ गया है। क्योंकि भगवान सूर्य मकर राशि में गोचर कर रहे हैं ।और चंद्रमा भी आज ही इसी राशि में प्रवेश करेंगे। गुरु की पंचम भाव में उपस्थिति एक अनुकूल स्थिति बना रही है। जिसमें सिद्धि योग का निर्माण हुआ है। इसके अलावा महाकुंभ में इस दिन अमृत स्नान का आयोजन हो रहा है जो इसे और भी पवित्र बना देगा। लोगों द्वारा अन्न और धन का दान भी किया गया है। ऐसा करने से हमेशा अन्न और धन के भंडार भरे रहते हैं। साथ ही व्यक्ति को पितृ दोष की समस्या से छुटकारा मिलता है। जीवन खुशहाल होता है।