खाटूश्याम मेले में 8 फीट से ऊंचे निशान पर बैन: VIP दर्शन रहेंगे बंद
कांच की बोतल में इत्र और कांटेदार गुलाब नहीं बेच सकेंगे विक्रेता
बाबा खाटूश्याम का लक्खी मेला 28 फरवरी से शुरू होगा। यह 11 मार्च तक चलेगा। इस बार निशान की ऊंचाई 8 फीट निर्धारित की गई है। यानी इससे ज्यादा ऊंचाई वाले निशान लेकर मेला परिसर में एंट्री नहीं दी जाएगी। मंदिर में कांच की बोतलों पर बैन होगा। कांटेदार गुलाब बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी। मेले में व्यवस्थाओं को लेकर खाटू थाने में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।
कलेक्टर मुकुल शर्मा ने बताया- मेले में आने वाले भक्तों को अच्छे से दर्शन हों, इसे लेकर व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी। सरकारी प्रोटोकॉल वाले वीआईपी को छोड़कर सभी के लिए वीआईपी दर्शन व्यवस्था पूरी तरह बंद रहेगी। श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराने के लिए क्यूआर कोड जारी किया जाएगा। श्रद्धालु यह क्यूआर कोड स्कैन कर मंदिर परिसर तक आसानी से पहुंच सकेंगे और दर्शन करेंगे।
- दर्शन के लिए लगेंगी 14 लाइन
रींगस से खाटू तक कारपेट बिछाया जाएगा। पहले की तरह 14 लाइन से ही दर्शन कराया जाएगा। चार लाइन कबूतर चौक से स्टार्ट होंगी। दो लाइन गुवाड़ चौक और 8 लाइन मेन एग्जिट वाली रहेंगी। मंदिर कमेटी अपने सोशल मीडिया पेज और वेबसाइट पर दर्शनों का समय व अन्य जानकारियां शेयर करेगी।
- होटल और गेस्ट हाउस में 5% कमरे प्रशासन के लिए होंगे रिजर्व
मेले की सीसीटीवी कैमरों से प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए चार सेंटर बनेंगे। ये मंदिर परिसर, मेला मजिस्ट्रेट, कंट्रोल रूम खाटू और कंट्रोल रूम सीकर में होंगे। कंट्रोल रूम सीकर से कलेक्टर-एसपी सीधे तौर पर मॉनिटरिंग कर पाएंगे। धारा-144 के तहत रींगस रोड से ही डीजे बैन रहेगा। शराब पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। धर्मशाला में 50 से ज्यादा कमरे होने पर 15% रूम और होटल व गेस्ट हाउस में 5% कमरे प्रशासन के लिए रिजर्व किए जाएंगे।
- 8 फीट से ऊंचा निशान बेचने वालों पर कार्रवाई
खाटू में 8 फीट से ज्यादा ऊंचाई वाले निशान बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। मंदिर में कांच की बोतल पर बैन रहेगा। कांटों वाले गुलाब के फूल, छोटी कांच की बोतल और इत्र की कांच की बोतल बेचने वालों पर कार्रवाई होगी।
ये रहेंगी व्यवस्थाएं
- सीकर-रींगस रोड पर मंडा मोड़ के आसपास छोटे वाहनों के लिए बड़ी पार्किंग व्यवस्था डेवलप की जाएगी। यहां से श्रद्धालुओं को बस से 52 बीघा पार्किंग तक ले जाया जाएगा। जहां से मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालु पैदल ही जाएंगे। 52 बीघा पार्किंग का इस्तेमाल सिर्फ मिनी बस की पार्किंग के लिए किया जाएगा। अन्य वाहन यहां नहीं आएंगे।
- ई-रिक्शा चालकों के लिए अलग-अलग जोन बनाए जाएंगे और उनके पास बनेंगे। बिना पास वाले ई-रिक्शा को सीज किया जाएगा। मंडा मोड़ व रींगस के खाटू मोड़ से मंदिर तक छोटे वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। भंडारा लगाने का समय तय किया जाएगा। भंडारा अनुमति के समय एक निर्धारित शुल्क लिया जाएगा, जिसका उपयोग मेला खत्म होने के बाद सफाई सहित अन्य काम करवाने के लिए किया जाएगा।
- सभी सेक्टर में मेडिकल व मोबाइल यूनिट्स रहेंगी। अग्निशमन और एम्बुलेंस के लिए इमरजेंसी रोड की व्यवस्था की जाएगी। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट को चिकित्सा और मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में सीपीआर ट्रेनिंग सहित मूलभूत चिकित्सा प्रशिक्षण दिया जाएगा। आवारा पशुओं को गोशाला में रखा जाएगा।