कामकाजी महिलाओं के कार्य बल में भागीदारी बढ़ाने और सुरक्षा की दृष्टि से कामकाजी महिला निवास योजना
महिलाओं को बेहतरीन सुविधाओं मुहैया करवाने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है प्रदेश सरकार की कामकाजी महिला निवास योजना

भरतपुर, (7 मार्च/ कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश की महिलाएं सशक्त एवं सक्षम बन रही हैं। इसी दिशा में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व की प्रदेश सरकार द्वारा अहम व संवेदनशील फैसला लेते हुए कामकाजी महिला निवास योजना शुरू की गई है। योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा कामकाजी महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी बढ़ाने और सुरक्षा की दृष्टि से आवास सुविधा प्रदान करने के लिए आवास सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। कामकाजी महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी बढ़ाना और उनके कार्यक्षेत्र में सरकार के द्वारा सुरक्षित आवास सुविधा उपलब्ध करवाकर आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना योजना का मूल उद्देश्य है। योजना में महिलाओं के लिए आवास की जरूरत को पूरा करने के लिए संभाग स्तर पर 100 तथा जिला स्तर पर 50 महिलाओं के रहने की व्यवस्था रहेगी। भविष्य में राज्य सरकार द्वारा आवश्यकता अनुसार कमी- वृद्धि भी की जा सकेगी। योजना अंतर्गत कामकाजी महिलाएं 3 वर्ष तक निवास की सुविधा ले सकती हैं। 3 वर्ष तक आवासीय महिला का व्यवहार सही पाए जाने पर एक-एक वर्ष की वृद्धि समिति के अभिशंषा पर जिला कलक्टर की सहमति पर अधिकतम 02 वर्ष तक की आ सकेगी। इस प्रकार अधिकतम 5 वर्ष तक कामकाज महिलाएं आवास की सुविधा ले सकेंगी। कामकाजी महिला निवास योजना में भवन निर्माण होने पर महिला एवं बाल विकास विभाग, भारत सरकार द्वारा पीपीपी मोड पर संचालन किया जाएगा।
यह रहेगी पात्रता व मापदंड - कामकाजी महिला निवास योजना अंतर्गत कामकाजी महिलाओं से तात्पर्य नौकरी करने वाली महिलाओं के संदर्भ में लिया गया है। इसी क्रम में राजकीय, गैर राजकीय, निजी संस्थान, प्रतिष्ठान, स्वयं का कार्य इसके अंतर्गत वे अल्प आय वर्ग की महिलाएं भी अएगी, जो स्वयं का रोजगार करती है करने वाली आदि महिलाएं पात्र होंगी, जो नियोक्ता द्वारा कार्य के बदले एक निश्चित वेतन प्राप्त कर रही है। योजना अंतर्गत निवास में प्रवेश हेतु महिलाओं के लिए मापदंड निर्धारित किए गए हैं। इन पात्रताओं के अनुसार भारत की निवासी महिला तथा राजस्थान राज्य की मूल निवासियों को प्राथमिकता है। महिला का कार्यस्थल शहर की नगर पालिका, नगर निगम, नगर परिषद की सीमा में हो व उस कामकाजी महिला का स्वयं या पति या माता-पिता का आवास नहीं होना चाहिए। योजना अंतर्गत ऐसी महिलाओं को लाभ दिया जाएगा, जो अल्प वेतन भोगी है या स्वयं का कोई छोटे व्यवसाय करती हैं तथा जिनका वेतन 50 जार रुपये मासिक से कम हो और उनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हो। निवास में रहते हुए महिला का वेतन 50 हजार रुपये से अधिक होने की स्थिति में 6 माह के अंदर निवास खाली करना होगा। समाज के वंचित वर्ग से आने वाली विधवा, परित्यकता, तलाकशुदा, एकल, शारीरिक रूप से अक्षम महिला को प्राथमिकता दी जाएगी।
महिला निवास में प्रवेश हेतु यह रहेंगे आवश्यक दस्तावेज - महिलाओं को निवास में प्रवेश हेतु आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, जन आधार कार्ड की स्वयं प्रमाणित प्रति, कार्यस्थल की आईडी कार्ड की स्वयं प्रमाणित प्रति, नियोक्ता नियंत्रण अधिकारी का प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर एवं कार्यालय का मोबाइल नंबर, वेतन भोगी होने पर पे स्लिप, स्वयं का व्यवसाय करती हैं तो स्वयं का आय घोषणा पत्र आदि आवश्यक दस्तावेज रहेंगे।
यह रहेगी आवेदन की प्रक्रिया- योजना अंतर्गत संचालित निवास में प्रवेश लेने के लिए महिला को संबंधित कामकाजी निवास के प्रबंधक को निर्धारित आवेदन प्रपत्र एवं दस्तावेज के साथ आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
निवास में कामकाजी महिला को प्रबंधक द्वारा प्रवेश देकर सूचना जिलाधिकारी को दी जाएगी। कामकाजी निवास योजना अंतर्गत संस्था द्वारा प्रवेशित महिलाओं एवं निवास छोड़ने वाली महिलाओं की सूचना 15 दिवस में जिलाधिकारी को लिखित में भिजवाना अनिवार्य किया गया है।






