राजगढ़ कस्बे में पेयजल सहित अन्य समस्याएं बरकरार

राजगढ़ (अलवर/ अनिल गुप्ता) राजगढ़ के महापुरुषों की तो महिमा ही निराली है यहां प्रत्येक श्रेणी के महापुरुष विद्यमान है और उनकी उपस्थिति ने राजगढ़ को चार चांद लगा रखे हैं कोई स्वधोषित नेता, कोई नेत्री, कोई अभिनेता, कोई अभिनेत्री, कोई महाराज, कोई संत, कोई संत शिरोमणि, कोई जनसमस्या निवारक,कोई दाल भात में मूसलचंद, कथित पत्रकारऔर जाने क्या क्या पदवी धारण किए हुए हैं। अधिकतम महापुरुष है सभी स्वधोषित,कहीं से भी किसी प्रकार रजिस्टर्ड नहीं है।
इसके बावज़ूद भी लेना देना कुछ नहीं वही "ढाक के तीन पात"यह राजगढ़ का दुर्भाग्य है राजगढ़ की मुलभुत सार्वजनिक समास्याओं से किसी को भी लेना देना नही किसी भी समस्या के निवारण के लिए गंभीर नहीं, बस चाटन भाषण उद्धाटन करवा लो और एक रिवाज और चला दिया फैंटा बाँधने का लोकतंत्र में राजशाही को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन स्वधोषित लोगो के कई गिरोह बने हुए है वो केवल अपने गिरोह के लोगो और अपने खास लोगों की समस्या निवारण तक सीमित है ।
वर्तमान में गर्मी के मौसम मे राजगढ़ शहर की ज्वलंत समस्या पानी की है जनता में त्राहि त्राहि मची हुई है। लेकिन ये स्वधोषित नेता,अभिनेता, चेयरमैन नगर पालिका, पालिका पार्षद,महाराज लोग कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं जनता को बेवकूफ समझ रखा है राजगढ़ शहर में समान पानी सप्लाई नहीं होती कहीं इतना दबाव कि तीसरी मंजिल पर भी पहुंच रहा है और वैकल्पिक दिनों में सप्लाई हो रही है और कहीं बहुत कम दबाव के साथ 96 घंटे में केवल 50 मिनट की आपूर्ति हो रही है कई मोहल्ले में डबल लाइन से जलापूर्ति हो रही है। एक एनसीआर की डाली गई लाइन से दूसरी मुख्य पुरानी लाइन से वो भी वैकल्पिक दिन सप्लाई होती है विभाग के कर्मचारियों की टैंकर वालो से सांठ गांठ हो रही है। 20000 हजार लीटर पानी का बिल देते हैं सप्लाई केवल 5000 हजार लीटर तक ही मासिक होता है जबकी 15000 लीटर पानी फ्री है जबकी जनता को 20000 लीटर का बिल देकर जाने क्या क्या घपला कर रहे विभाग अपने बोरवेल के अलावा टैंकर से भी अपनी टंकी भरवाता है। जिसका बजट सरकार ने दिया है लेकिन कोई देखने वाला,सुनने वाला नहीं है आपूर्ति कार्यकर्ता अपनी कास्ट आधारित मोहल्ले मे भरपुर में पानी की सप्लाई करते है असली पत्रकार भी मौन है बेचारे क्या करें न्यूज़पेपर वाले मालिक भी इतना तो देते नहीं कि अपना आराम से गुजारा कर सके और दिन रात अख़बारबाज़ी और समाचार में ही लगे रहे आख़िर अपने गुजारे के लिए भी कुछ और करना पड़ता है सरकार को भी समाचार पत्र के संवाददाताओ के हितार्थ उचित महेनताना न्यूज़ पेपर मालिक से दिलवाने के लिए कानून बनाना चाहिए जिससे वो अपना गुजारा आराम से कर सके सरकार द्वारा पहले के बनाये गए कानून पर्याप्त नहीं है।
राजगढ़ की समस्याएँ सुरसा के मुंह की तरह फैलाए हुए हैं। लेकिन वर्तमान समय में पानी आपूर्ति की समस्याएँ सब से ज़्यादा हैं, प्रबुद्ध नागरिकों ने राजगढ़ के महापुरुषों से अनुरोध किया है कि वे राजगढ़ की ज्वलंत समस्याओं के लिए अपने प्रयास कर उनका निवारण करवाएं।






