खैरथल में सिन्धी बाल संस्कार शिविर आज से शुरू
खैरथल (हीरालाल भूरानी)
समाजसेवी लालचंद रोघा ने कहा की बच्चों के लिए शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी है। हम सिन्धी भाषा बोलेगें और सिन्धी संस्कृति से जुडे रहेगें तभी जडों से जुडेगें। ये उद्बोधन समाजसेवी लालचंद रोघा ने भारतीय सिन्धु सभा खैरथल की ओर से आनंद नगर कॉलोनी स्थित झूलेलाल मंदिर में मंगलवार को झूलेलाल मंदिर संरक्षक बाबा शीतलदास लालवानी एवं प्रेम प्रकाश आश्रम के संत हरि प्रेमप्रकाशी के सानिध्य में आयोजित सिन्धी बाल संस्कार शिविर के शुभारम्भ में मुख्य अतिथि के दौरान कहे। उन्होने कहा की आज की पिढी ये पूछती है की सिन्धी भाषा सीखने से क्या लाभ है उनका जबाब है सिन्धी भाषा कम से कम अपनों से बात करने के लिए तथा अपनें विचार व्यक्त करने के काम आती है। इस दौरान समारोह में मंचासीन अतिथि पूज्य सिन्धी पंचायत अलवर जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश रोघा,स्वामी ध्यानगिरी सेवा समिति अध्यक्ष गोविंद रोघा,भामाशाह नारायणदास (बेबू) बालानी, तेजुमल रोघा,समाजसेवी अनिल रोघा,स्वामी लीलाशाह धर्माथ ट्रस्ट अध्यक्ष मुखी वासदेव दासवानी,पार्षद जाजन मुलानी,संत कंवरराम धर्माथ ट्रस्ट अध्यक्ष मुखी विनोद वलेचा,मुखी टीकमदास मुरजानी,मुखी अशोक महलवानी,घनश्यामदास चंचलानी,पार्षद जाजन मुलानी,अर्जुनदास बाबानी, अर्जुनदास असरानी,तीर्थदास रोचवानी ने भी सिन्धी भाषा व सिन्धी संस्कृति पर प्रकाश डाला। इससे पूर्व सभी अतिथियों ने भगवान झूलेलाल की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।