जिला अस्पताल में एक माह के मासूम को एडमिट करवाकर गायब हुए परिजन, पुलिस जांच मे जुटी
17 जून को इमरजेंसी वार्ड में लेकर आए थे महिला व पुरुष,
नागौर के जिला अस्पताल में एक माह के शिशु को छोड़कर परिजन गायब हो गए। अस्पताल प्रबंधन की ओर से परिजनों के नंबर पर लगातार फोन किए जा रहे है, लेकिन फोन पर कोई जवाब नहीं मिल रहा है। अस्पताल प्रबंधन और जेएलएन पुलिस चौकी के स्टाफ लगातार परिजनों से संपर्क बनाने की कोशिश में लगे हैं।
जेएलएन अस्पताल के डॉ. महेंद्र चौधरी ने बताया- 17 जून की रात साढ़े 9 बजे एक पुरुष व एक महिला शिशु को लेकर अस्पताल के इमरजेंसी सेक्शन के कमरा नंबर 41 में पहुंचे। उन्होंने शिशु के दूध पीने में शिकायत होने की बात कही। डॉ. महेंद्र चौधरी ने जब उस एक माह के शिशु की स्वास्थ्य जांच की तो पीलिया के लक्षण भी दिखाई दिए। इसके बाद चिकित्सा कार्मिकों ने परिजनों के साथ ले जाकर शिशु को बच्चों की स्वास्थ्य इकाई एसएनसीयू में भर्ती करवा दिया।
17 व 18 जून की दरम्यानी रात 12 बजे स्टाफ के सदस्यों ने बच्चे के परिजनों को आवाज लगाई तो काेई नहीं आया। इसके बाद अगले दिन डॉक्टर विजिट से पहले सुबह 8 बजे, फिर साढ़े 10 बजे और 12 बजे स्टाफ के सदस्य बच्चे के परिजनों को आवाज लगाते रहे। जब संदेह हुआ अस्पताल के गार्ड और अन्य कार्मिकों ने हुलिये के अनुसार पता लगाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद एसएनसीयू इकाई के इंचार्ज महिपाल भाटी ने पूरे घटनाक्रम की लिखित में पीएमओ और पुलिस चौकी को जानकारी दी। अस्पताल प्रबंधन और पुलिसकर्मियों ने परिजनों के लिखवाए हुए नंबर पर फोन किया तो किसी महिला ने उठाया और बिहार से होने की बात कही।
डॉ. महेंद्र चौधरी ने बताया कि बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। गुरुवार को बच्चे को बाल कल्याण समिति को सुपुर्द कर दिया जाएगा। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज सोनी ने बताया कि समिति ने मामले को गंभीरता से लिया है। शिशु के स्वस्थ होने के बाद शिशु समिति उसे अपने संरक्षण में ले लेगी। शिशु के पारिवारिक पुनर्वास को लेकर विधि अनुसार प्रक्रिया पूरी की जाएगी। वहीं दूसरी ओर कोतवाल मनीष देव ने बताया कि शिशु को लेकर आए पुरूष व महिला के हुलिए के आधार पर पहचान की कोशिश की जा रही है।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज सोनी ने बताया- घटना को संज्ञान में लिया गया है। शिशु के परिजनों से संपर्क बनाने की कोशिश भी की जा रही है ताे वहीं उसके स्वास्थ्य के बारे में भी लगातार नजर बनाए हुए हैं।
- मो. शहजाद खान