महर्षि वाल्मीकि जयंती, शोभा यात्रा के साथ मनाई
लक्ष्मणगढ़ (अलवर ) कमलेश जैन
कस्बे में वाल्मीकि समाज द्वारा शोभा यात्रा के साथ बाल्मिक जयंती मनाई गई । महर्षि वाल्मीकि को श्रेष्ठ गुरु माना गया है। उन्होंने ही रामायण महाकाव्य की रचना की थी। महर्षि वाल्मीकि के जन्मदिन के अवसर पर वाल्मीकि समाज द्वारा वाल्मीकि मोहल्ले से विशाल शोभा यात्रा कस्बे के केशव चौक मेंन बाजार मालाखेड़ा रोड पुराने बस स्टैंड होकर डीजे की धुन पर झांकीया निकाली गई। शोभायात्रा में वाल्मीकि समाज के महिला पुरुष एवं बच्चे मौजूद रहे।
आज गुरुवार को वाल्मीकि जयंती मनाई गई। वाल्मीकि जी भगवान राम के सबसे बड़े भक्त माने जाते है ।और इन्होंने ही पूरी रामायण लिखी थी। खासतौर पर वाल्मीकि समुदाय के लोगों के लिए यह तिथि विशेष मानी जाती है। समाज द्वारा ऋषि वाल्मीकि की पूजा की गई । उनके मंदिर को फूलों से सजाया गया। साथ ही रामायण की चौपाई पढ़ी गई।
ऐसा कहा जाता है कि महर्षि वाल्मीकि पहले रत्नाकर नाम के खुंखार डाकू थे। वह अपने परिवार के पालन के लिए लोगों को लूटा करते थे। एक बार उन्होंने नारद जी को लूटने का प्रयास कि तब उनसे नारद जी ने पूछा कि तुम ऐसा काम क्यों करते हो। इस पर डाकू ने बताया मैं ऐसा करना नहीं चाहता हूं, लेकिन मुझे अपने परिवार को पालने के लिए ऐसा करना पड़ता है। इस पर नारद जी ने कहा परिवार को पालन के तुम अपराध कर रहे हो। नारद जी की बातों को सुनकर घोर तपस्या करने लगे और राम नाम का जाप करने लगे।