हीरवाना गौशाला में चल रही नानी बाई रो मायरो कथा में दूसरे दिन सुनाया भक्त नरसी का अंजार नगर के लिए रवाना होना प्रसंग
उदयपुरवाटी (सुमेर सिंह राव)
झुंझुनू जिले की पहली नंदी शाला एवं श्री कृष्ण गौशाला चंवरा हीरवाना में बामलास धाम के महंत लक्ष्मण दास महाराज के सानिध्य में चल रही नानी बाई रो मायरो कथा में दूसरे दिन कथावाचक राजेंद्र प्रसाद शर्मा बजावा वाले ने बताया कि भगवान पर भरोसा करना ही सबसे बड़ा आत्मविश्वास है। भगवान पर भरोसा करके ही नरसी भक्त ने अपने 56 करोड़ की माया का दान कर दिया। इसी विश्वास से उनके हर कार्य पूर्ण हुए। माया लुटाने के बाद में नरसी के पास देने के लिए कुछ भी नहीं बचा था। भाई बंधु कुटुंब कबीला किसी ने भी भक्त नरसी का साथ नहीं दिया उसके बावजूद भी नरसी का आत्मविश्वास नहीं डिगा। भगवान के भरोसे ही नरसी भक्त नानी बाई के मायरा भरने के लिए अनजार नगर रवाना हो गए। कथावाचक ने कहा कि गौ माता की वर्तमान में सबसे ज्यादा दुर्दशा हो रही है। उन्होंने लोगों से गौ माता और प्राणी मात्र की सेवा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि गौ माता और प्राणी मात्र की सेवा से परमात्मा प्रसन्न होते हैं और भगवान भक्त की हर संभव मदद करते हैं। क्योंकि गौ माता एक चलता फिरता तीर्थ है। जो व्यक्ति तीर्थ आदि नहीं कर सकता है वह गौ माता की सेवा करके भी पुण्य प्राप्त कर सकता है। कथावाचक ने उपस्थित श्रद्धालुओं से अपील कर कहा कि मकर संक्रांति पर गौशाला में बढ़-चढ़कर दान पुण्य कर मायरा भरे जिससे आप सभी का कल्याण होगा। इस दौरान कथा सहयोगी सांवरमल जांगिड़, मोहनदास महाराज, रामकरण रावत, मुकेश दाधीच, बनवारी लाल जांगिड़, सुरेश स्वामी, गिरधारी लाल रावत, जमनलाल सैनी, बंशीधर, राधेश्याम शर्मा, प्रहलाद बराला, जेपी महरानियां, भाताराम रावत, विक्रम सैनी, महावीर रावत, निवास रावत, मनजीत स्वामी, रोहिताश सैनी, भींवाराम, पालाराम, उमेश जेफ, दीनदयाल कुमावत, घासी राम रावत सहित काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।