भरतपुर ही नहीं, दुनियाभर में प्रसिद्ध ब्रज में खेली जाने वाली होली

भरतपुर (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) महामूर्खधिराज_शोभायात्रा : बृज में खेली जाने वाली होली भरतपुर ही नहीं, दुनियाभर में प्रसिद्ध है। भरतपुर में होली खेलने का अनोखापन सब लोगों को काफी लुभाता है। भरतपुर शहर में होली के अवसर पर एक ऐसी अनूठी परम्परा निभाई जाती है, जिसे महामूर्खाधिराज सम्मेलन के रूप में जाना जाता है। यह महामूर्ख सम्मेलन परंम्परा करीब 50 साल से भरतपुर मे चली आ रही है। महामूर्ख सम्मेलन में भरतपुर शहर का कोई एक व्यक्ति एक दिन खुशी-खुशी मूर्खाधिराज का ताज पहनता है तथा इसके बाद पूरे शहर में उसका जुलूस निकाला जाता है।
मित्र मंडली तरुण समाज समिति ने करीब पांच दशक पहले होली पर यह अनूठी परम्परा शुरू की थी, जो आज तक निभाते चले आ रहे हैं। इस कार्यक्रम को करने का उद्देश्य यह है कि होली की मस्ती और स्वांग बृज में रचे-बसे हैं। भरतपुर में इन दिनों होली का उत्साह चरम पर है। जगह-जगह फागोत्सव और होली मिलन समारोह का आयोजन किया जा रहा है। भरतपुर शहर में निकलने वाली महामूर्खाधिराज शोभायात्रा पूरे माहौल को रंगीन बना देती है। महामूर्खाधिराज शोभायात्रा में निकली झांकियों लोगों का मन मोह लेती है जिसमें राधा कृष्ण, शंकर भोले आदि के रूप में झांकियों ने लोगों को मनमुग्ध कर देती है। गौरतलब है कि रंगीलो महोत्सव के तहत रासलीला, हास्य कवि सम्मेलन, नौटंकी, रसिया दंगल और महामूर्खाधिराज शोभायात्रा जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। गत 50 वर्षों से परंपरागत रंगीलो महोत्सव का हर्षोल्लास के साथ आयोजन होता आ रहा है। इस बार 52वीं महामूर्खाधिराज शोभायात्रा ने माहौल को पहले से भी ज्यादा खुशनुमा बना दिया है। शहर के कुम्हेर गेट चौराहे से निकली महा मूर्खाधिराज शोभायात्रा में राधा कृष्ण, शंकर भोले की झांकी सजायी गयी।
शोभायात्रा का कोतवाली बाजार, लक्ष्मण मंदिर, जामा मस्जिद, गंगा मंदिर, चौबुर्जा बाजार, मोरी चार बाग, मथुरा गेट बाजार से होते हुए मान सिंह सर्किल पर शोभायात्रा का समापन हुआ। शोभायात्रा में महामूर्खाधिराज का जगह-जगह माला पहनाकर स्वागत किया गया। शोभायात्रा के दौरान सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई साथ ही कई जगह यातायात व्यवस्था में भी बदलाव किया गया।






