सेठ मुरलीधर मानसिंहका राजकीय कन्या महाविद्यालय में तुलसीदास जयंती का समारोहपूर्वक आयोजन
भीलवाड़ा : राजकुमार गोयल
सेठ मुरलीधर मानसिंहका राजकीय कन्या महाविद्यालय में निबन्ध प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता, वैचारिक अभिव्यक्ति एवं प्रश्नमंच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ सावनकुमार जांगिड़ ने बताया कि महाविद्यालय के हिंदी विभाग, मानस परिकर एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुक्त तत्वावधान में उक्त कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में 200 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम के संयोजक सूर्यप्रकाश पारीक ने जानकारी दी कि इस अवसर पर महाविद्यालय में निबन्ध प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता, वैचारिक अभिव्यक्ति एवं प्रश्नमंच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
"रामचरितमानस की वर्तमान युग में प्रासंगिकता" विषय पर आयोजित निबन्ध प्रतियोगिता में 150 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई। प्रथम पुरस्कार पलक राजपूत, द्वितीय अंजना कुमारी कोली एवं तृतीय पुरस्कार दुर्गा बलाई ने प्राप्त किया।
रामायण के मार्मिक प्रसंगों एवं तुलसीदास जी के जीवन पर आधारित पोस्टर प्रतियोगिता में दीपू शर्मा ने प्रथम स्थान, ज्योति छापरवाल ने द्वितीय स्थान एवं मीनाक्षी वैष्णव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
"पारिवारिक मूल्यों के संवर्धन में रामचरितमानस की भूमिका" विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में दिव्या लखन प्रथम, अनुष्का सुखवाल द्वितीय एवं प्रेक्षा कँवर तृतीय स्थान पर रही। रामायण एवं तुलसी साहित्य पर आयोजित प्रश्नमंच प्रतियोगिता में खुशबू कँवर चूंडावत, दुर्गा बलाई, अजंलि खटीक का जानकी दल प्रथम रहा। अनुष्का सुखवाल, प्रेक्षा कँवर व प्रगति कँवर का मानस दल द्वितीय स्थान पर रहा। कोमल शर्मा, सुनीता नाथ व मैना सुथार के साकेत दल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ शंकरलाल जी माली, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चित्तौड़ प्रान्त कार्यवाहक ने छात्राओं को सांस्कृतिक मूल्यों के माध्यम से स्वयं, परिवार एवं राष्ट्र का उद्धार करने हेतु प्रेरित किया।
विशिष्ट अतिथि डॉ काश्मीर भट्ट, आचार्य, मालाव राजकीय महाविद्यालय ने गीतों के माध्यम से राम और रामचरितमानस का महत्व सिद्ध किया।
मानस परिकर के संस्थापक एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के अध्यक्ष पं दीनदयाल जोशी ने दोनों संस्थाओं की गतिविधियों की जानकारी देते हुए छात्राओं को अपनी संस्कृति से जुड़कर राष्ट्र और साहित्य के उत्थान में सहभागिता करने हेतु प्रेरित किया।
अध्यक्ष एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सावनकुमार जांगिड़ ने कार्यक्रम की सफलता हेतु महाविद्यालय के सदस्यों एवं विद्यार्थियों को बधाई देते हुए भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करते रहने हेतु प्रोत्साहित किया।
संगीत विभाग के सहायक आचार्य विजय शेखावत ने राम भजनों की प्रस्तुति के द्वारा वातावरण राम मय कर दिया ।
हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ कैलाशचंद्र गुप्ता द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। वरिष्ठ आचार्य डॉ अनिल सुराणा ने अतिथियों को स्मृतिचिह्न देकर अभिनंदन किया।
विभिन्न प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका का निर्वहन डॉ कैलाशचंद्र पारीक, डॉ अवधेश जौहरी, डॉ प्रतिभा राव, ,प्रणव व्यास, रीना सालोदिया, कृष्ण कुमार मीना , डॉ अजंलि अग्रवाल, इंकाश्री वर्मा एवं दिलीप शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत राम चरित मानस के विभिन्न प्रसंगों से संबंधित पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए अतिथियों ने छात्राओं के कला कौशल की सराहना की। रामावतार शर्मा रिणवां एवं मानस परिकर द्वारा पुरस्कारों के रूप में छात्राओं को तुलसी साहित्य, स्मृति चिह्न एवं प्रमाणपत्र प्रदान किये गए।
कार्यक्रम में भीलवाड़ा की ख्यातिप्राप्त साहित्यिक हस्तियाँ उपस्थित हुई। कार्यक्रम के अंतर्गत अखिल भारतीय साहित्य परिषद एवं मानस परिकर से कवि प्रह्लाद चन्द्र पारीक, श्यामसुन्दर मधुप,महेंद्र शर्मा, रामावतार शर्मा, मनमोहन सोनी, ओम उज्ज्वल, राजेश जैन, चंद्रेश टेलर, पुखराज सोनी उपस्थित रहे।
महाविद्यालय परिवार से डॉ आशा उपाध्याय, डॉ सीमा गौड़, डॉ शशि शर्मा ,डॉ शोभा गौतम, डॉ अर्चना खंडेलवाल , डॉ सुनीता भार्गव , डॉ रंजीता गर्ग, डॉ ज्योति सचान, डॉ इन्दुबाला पटवारी ,परितोष कड़ेला, नीलम बरवड़, सुखपाल राठौड़, गौरव कारवाल, कृष्ण कुमार मीणा, सतीश कुमार शर्मा इत्यादि ने समारोह में सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय की स्काउट छात्राओं ने अनुशासन, व्यवस्था एवं अन्य सहयोग कार्य किया।
कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के सूर्यप्रकाश पारीक, वर्षा सिखवाल एवं प्रगति पांडेय द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ सरोज मेहता द्वारा सभी उपस्थित अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित किया गया।