अग्निवीर को सात माह बाद मिला शहीद का दर्जा और परिवार को मिला सम्मान और लाभ
राजगढ़ (अलवर)
अलवर जिले के रैणी उपखंड क्षेत्र के नवलपुरा मोरोड कला गांव के रहने वाले जितेंद्र सिंह तंवर को मौत के सात माह बाद शहीद का दर्जा मिला है। जितेंद्र सिंह राजस्थान के पहले अग्निवीर शहीद है। 9 मई 2024 में जम्मू कश्मीर के पुंछ राजोरी इलाके में सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों की गोली लगने से जितेंद्र की मौत हो गई थी। जितेंद्र के परिवार को सरकार की तरफ से एक करोड रुपए की राशि दी गई है। साथ ही पंजाब नेशनल बैंक से आर्मी अकाउंट में इंश्योरेंस की एक करोड रुपए राशि दी गई है। जितेंद्र सिंह के परिवार के सदस्य व भूतपूर्व सैनिक बकतावर सिंह ने बताया कि 29 दिसंबर 2022 को अलवर के इंदिरा गांधी स्टेडियम में हुई अग्निवीर सेना भर्ती में जितेंद्र तंवर अग्निवीर में भर्ती हुआ। भर्ती होने के बाद 3 पैरा स्पेशल फोर्स का हिस्सा बना। बेंगलुरु में उसने एक वर्ष की स्पेशल ट्रेनिंग ली और ट्रेनिंग के बाद 29 फरवरी 2024 को पहली बार उसकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में हुई। 9 में 2024 को जम्मू कश्मीर के पुंछ राजौरी इलाके में जितेंद्र सिंह को सेना की टुकड़ी के साथ आतंकी सर्च ऑपरेशन में भेजा गया। इस दौरान गोली लगने से जितेंद्र शहीद हो गया। एक गोली जितेंद्र सिंह के सिर में लगी व दूसरी गोली उसकी कमर को छूकर निकली गई। राजकीय सम्मान के साथ जितेंद्र सिंह तंवर का उसके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार हुआ। लेकिन सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। शुरुआत में सेना ने भी जितेंद्र सिंह तंवर को शहीद का दर्जा नहीं दिया। इस मामले पर सेना की तरफ से एक जांच करवाई गई। जिसके सात माह बाद जितेंद्र को शहीद का दर्जा दिया गया है। जितेंद्र ने 17 महीने सेना में नौकरी की। परिवार ने बताया कि वो दिन में मजदूरी करता और सुबह-शाम सेना में भर्ती होने की तैयारी करता था। जितेंद्र में सेना में भर्ती होने को लेकर खासा जुनून था। बकतावर सिंह ने बताया कि सेना की तरफ एक पत्र सोमवार को उनको मिला है। जिसमें जितेंद्र सिंह को शहीद का दर्जा देने की जानकारी दी गई है। जितेंद्र के परिजनों को अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से एक करोड की सहायता और पंजाब नेशनल बैंक की तरफ से एक करोड रुपए की सहायता मिल चुकी है। जितेंद्र के परिजनों ने बताया कि बीते दिनों और राजस्थान के मुख्यमंत्री से मिले और अपना दुख व्यक्त किया। इस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जितेंद्र सिंह के परिवार को कारगिल शहीद का पैकेज देने की बात कही थी। साथ ही उनका सम्मान किया गया। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार इस दिशा में काम कर रही है। घर में जितेंद्र सिंह का बड़ा भाई और एक विधवा मां है। जितेंद्र सिंह के शहीद होने के बाद से परिवार के हालात खराब थे। वो लगातार न्याय के लिए चक्कर लगा रहे थे। तो लंबे समय बाद मिले शहीद के दर्जे से परिवार खुश है। वहीं गांव में जितेंद्र सिंह के नाम पर एक पार्क शहीद स्मारक डेवलप किया जा रहा है। इसमें स्थानीय विधायक समाज के लोग और भूतपूर्व सैनिकों द्वारा मदद की गई है। उस का निर्माण चल रहा है।
- अनिल गुप्ता