मालाखेड़ा थाना क्षेत्र के आधा दर्जन गांव के पहाड़ों से हो रहा अवैध खनन

अलवर (अनिल गुप्ता) अलवर जिले के मालाखेड़ा थाना क्षेत्र के कई गांव के पहाड़ों से सहित अन्य स्थानों पर अवैध रूप से पत्थर खनन कर अलवर शहर तक दिन में धड़ल्ले से पत्थर से लगे हुए ट्रैक्टर ट्रॉली सरपट यमदूत की गति से दौड़ रहे हैं।
इसमें मालाखेड़ा थाना, अरावली विहार, सदर थाना, उद्योग नगर ,अकबरपुर थाना सीमा क्षेत्र से होकर यह पत्थर मकान बनाने वाले तक पहुंच रहे हैं। जिनको मोटी कीमत चुकानी पड़ती है। इसका मुख्य कारण अवैध रूप से खनन कर पत्थर पहुंचने पर संबंधित जिम्मेदार विभाग तभी आंखे मूंदे रखते हैं जब उनकी सेवा हो जाती है। इसीलिए खरीददार को मोटी रकम चुकानी पड़ रही है। सरकार की ओर से पहाड़ी क्षेत्र पर पट्टे जारी कर लीज दीद जाए तो यह इस पत्थर की कीमत आधी से भी कम हो सकती है। खनन माफिया, पुलिस, खनन विभाग के अप्रत्यक्ष रूप से मिलने वाले संरक्षण से ट्रैक्टर ट्रॉली सताना के पहाड़, बुलंदी, बाढ़ बुलंदी, नांगल, खेडला, बरखेड़ा, चोमु, से भरकर सरपट दौड़ते हैं। कई बार इनकी चपेट में आकर राहगीर अकाल मौत की भेंट चढ़ जाते हैं। लेकिन पैसे के लालच में पुलिस से मिली भगत कर ट्रैक्टर ट्रॉली पत्थर वाली नहीं दिखाकर लीपा पोती कर देते हैं। इस प्रकार संरक्षण मिलने से क्षेत्र के हरे- भरे पौधों से आबाद रहने वाले पहाड़ अब बर्बाद होकर बंजर हो रहे हैं। पुलिस ,राजस्व विभाग ,खनन विभाग, वन विभाग, परिवहन विभाग, सभी अपने जिम्मेदारी के आगे नतमस्तक हो रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप मालाखेड़ा क्षेत्र में अवैध खनन का कार्य परवान पर चल रहा है। तड़के से देर रात्रि तक यह अवैध खनन का कार्य चलता है। अलवर जिले से वन मंत्री होने के बावजूद भी अवैध खनन का कार्य धड़ले से किया जा रहा है। पहाड़ों के अवैध खनन से अवैध आय को लेकर ही यहां थाना अधिकारी साठ गांठ करके अपनी तैनाती करवाते हैं।






