आत्मनिर्भर बनेगी ग्राम पंचायतें, प्रॉपर्टी और लाइसेंस टैक्स जैसे अधिकार देने की योजना

लक्ष्मणगढ़ (अलवर/कमलेश जैन) ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की तैयारी है। स्वयं के संसाधनों से ग्राम पंचायतों के राजस्व में इजाफा करने का प्लान बनाया गया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी ने अपनी रिपोर्ट पंचायतीराज मंत्रालय को सौंपी है। रिपोर्ट में प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली का अधिकार सभी ग्राम पंचायतों को देने पर जोर दिया गया है। तालाबों में मछली पालन का अधिकार भी ग्राम पंचायतों को देना होगा।
विशेषज्ञों ने पंचायतीराज मंत्रालय को दी रिपोर्ट।
अपनाना होगा शहरी निकायों जैसा मॉडल।
पंचायती राज कानून में संशोधन का सुझाव।
शहरों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों पर आबादी का बोझ तो अधिक है, लेकिन वित्तीय स्थिति या अधिकारों की बात करें तो ग्रामीण निकाय हाशिए पर पड़े हैं। अब जब विकसित भारत के लिए आत्मनिर्भर गांवों की आवश्यकता पर बल दिया जाता है तो इस पर वृहद अध्ययन कर विशेषज्ञों ने भी यह राह दिखाने का प्रयास किया है, जिस पर चलकर इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
चूंकि, पंचायतीराज मंत्रालय सभी राज्यों में ग्राम पंचायतों का स्वयं के संसाधनों से राजस्व (ओएसआर) बढ़ाने के लिए ''मॉडल'' देना चाहता है, इसके लिए विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि ग्राम पंचायतों को संपत्ति कर और लाइसेंस शुल्क वसूली जैसे अधिकार देने होंगे।
कानून में करना होगा बदलाव - संबंधित कानूनों में बदलाव भी करने होंगे। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया है कि संपत्ति कर वसूली का अधिकार यदि सभी राज्य ग्राम पंचायतों को सौंप दें तो उनके राजस्व में काफी वृद्धि हो सकती है। सुझाव दिया है कि संपत्ति कर के आकलन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश तय कर राज्य ग्राम पंचायतों को उसकी वसूली के अधिकार दें।






