विश्व सिंधी दाल पकवान दिवस मनाया

खैरथल (हीरालाल भूरानी) वरिष्ठ सिंधी पत्रकार एवं साहित्यकार हीरालाल भूरानी के फार्म हाउस पर विश्व सिंधी दाल पकवान दिवस समारोह मनाया गया। दाल पकवान दिवस पर शहर के सिंधी समाज के अनेक लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया तथा सिंधी व्यंजन दाल पकवान का लुत्फ उठाया।
इस अवसर पर पत्रकार एवं सोशल मीडिया ब्लॉगर प्रमोद केवलानी ने सिंधी संस्कृति के बारे में बताते हुए कहा कि प्राचीनकाल से सिंधी संस्कृति को बेहद समृद्ध माना गया है। जहां सिंधी संस्कृति को साहित्य, गीत, संगीत, कलाम, तालीम, वास्तुकला और संपन्न सामाजिक तानेबाने के लिए जाना जाता है वहीं सिंधी समाज में विशिष्ट खानपान एवं मेहमाननवाजी का भी बढ़ा महत्व है। इसी खानपान में एक खास व्यंजन दाल पकवान भी है। पहले यह सिर्फ सिंधी समाज की पहचान था मगर सिंधी समाज की मेहमाननवाजी एवं मिल-बांटकर खाने की परंपरा ने इसे हर वर्ग का पसंदीदा व्यंजन बना दिया है।
आज शायद ही कोई ऐसा शहर अथवा कस्बा हो जहां दाल पकवान उपलब्ध नहीं हो। आजकल बाजार में हर वर्ग के लोग इस व्यंजन को नाश्ते के रूप में खाना पसंद करते हैं। प्रमोद केवलानी ने आगे बताते हुए कहा कि इस व्यंजन के साथ एक खासियत यह भी जुड़ी है कि अधिकतर लोग बाजार में किसी सिंधी व्यक्ति के रेस्तरां अथवा रेहड़ी, खोमचे पर ही दाल पकवान खाना पसंद करते हैं। इसका कारण इस व्यंजन को बनाने की एक खास कला है जो पारम्परिक रूप से सिंधी हलवाई अथवा कारीगर वंशानुगत अपनाते आ रहे हैं। वहीं वरिष्ठ पत्रकार हीरालाल भूरानी ने सभी आगंतुको को खास व्यंजन दाल पकवान एवं मैसूपाक के बारे बताते हुए इसे बनाने वाले कारीगरों का परिचय करवाते हुए इन व्यंजनों में प्रयुक्त होने वाले महत्वपूर्ण मसालो, सामाग्री तथा रेसिपी के बारे में बताया। कार्यक्रम के अंत जिला सिंधी पत्रकार संघ की ओर से सभी आगंतुको एवं सहयोगियों का आभार प्रकट किया गया।






