घुमंतू जाति के गाड़ियां लोहार मूलभूत सुविधाओं से वंचित

लक्ष्मणगढ़ (अलवर/ कमलेश जैन) घुमंतू जातियों को बुनियादी सुविधाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, और सरकारी योजनाओं तक पहुंचने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, उन्हें अक्सर सामाजिक भेदभाव, पहचान के प्रमाण का अभाव, और स्थानीय प्रशासन द्वारा दुर्व्यवहार का भी सामना करना पड़ रहा है।
समाज सेवी विक्रम सिंह नरूका ने बताया कि एक और राज्य सरकार इनको सुविधा प्रदान कर रहा है वहीं स्थानीय प्रशासन द्वारा सुविधाओं को लेकर इनके प्रति लापरवाही की जा रही है ।
- बुनियादी सुविधाओं का अभाव :इन समुदायों को अक्सर स्वच्छ पेयजल, आश्रय, और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच नहीं होती है।
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में कमी:घुमंतू समुदायों के बच्चों को स्कूल जाने और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने में कठिनाई होती है। - सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलना:इन समुदायों को अक्सर राशन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में कठिनाई होती है, क्योंकि उनके पास स्थायी निवास नहीं होता है या उनके पास आवश्यक दस्तावेज नहीं होते हैं।
- सामाजिक भेदभाव और कलंक:घुमंतू समुदायों को सामाजिक भेदभाव और कलंक का सामना करना पड़ता है, जिससे उनके लिए समाज की मुख्यधारा में शामिल होना मुश्किल हो जाता है।
- स्थानीय प्रशासन द्वारा उत्पीड़न: कई मामलों में, इन समुदायों को स्थानीय प्रशासन द्वारा उत्पीड़न और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है।
- पहचान का अभाव: इन समुदायों के पास अक्सर नागरिकता संबंधी दस्तावेज नहीं होते हैं, जिससे उनकी पहचान अदृश्य हो जाती है।
- आर्थिक अवसर की कमी: इन समुदायों के पास अक्सर आर्थिक अवसर की कमी होती है, क्योंकि वे शिक्षा और कौशल की कमी के कारण औपचारिक नौकरियों में शामिल होने में असमर्थ होते हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए, सरकार और अन्य हितधारकों को इन समुदायों के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है।
- बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना: सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन समुदायों को स्वच्छ पेयजल, आश्रय, और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच हो।
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार करना: सरकार को इन समुदायों के बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार करने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए।
- सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना: सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन समुदायों को राशन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
- सामाजिक भेदभाव और कलंक को दूर करना: सरकार और समाज को इन समुदायों के खिलाफ सामाजिक भेदभाव और कलंक को दूर करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
- स्थानीय प्रशासन को संवेदनशील बनाना: स्थानीय प्रशासन को इन समुदायों के प्रति संवेदनशील बनाने और उनके साथ सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार करने की आवश्यकता है।
- पहचान के प्रमाण उपलब्ध कराना: सरकार को इन समुदायों को नागरिकता संबंधी दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए।
- आर्थिक अवसर प्रदान करना: सरकार को इन समुदायों के लिए आर्थिक अवसर प्रदान करने के लिए कौशल विकास और उद्यमिता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए।
यह आवश्यक है कि इन समुदायों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।
बुनियादी अवसंरचना सुविधाओं का अभाव: इन समुदायों के सदस्यों के पास पेयजल, आश्रय और स्वच्छता आदि संबंधी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं। इसके अलावा ये स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा जैसी सुविधाएं। घुमंतू समुदायों मे आज भी कस्बे में गाड़ियां लोहार रोड किनारे बसे हुए हैं।आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और सरकारी योजनाओं का लाभ इन तक नहीं पहुँच पा रहा है। इनके पास कोई शौचालय की सुविधा तक नहीं है।






