गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 राजस्थान के संशोधन स्टांप अधिनियम 2020 के विरोध में गौशाला संचालकों गौ भक्तों ने दिया मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

Aug 31, 2020 - 23:55
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गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 राजस्थान के संशोधन स्टांप अधिनियम 2020  के विरोध में गौशाला संचालकों गौ भक्तों ने दिया  मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

दौसा

दौसा 31 अगस्त राजस्थान सरकार द्वारा हाल ही मैं विधानसभा में राजस्थान स्टांप अधिनियम संशोधन किये गए विधेयक के विरोध में सोमवार को गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान द्वारा दौसा जिले के गौ सेवा को गौशाला संचालको गौभक्त द्वारा कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर के मार्फत मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया। गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान  के प्रदेश महामंत्री गौपुत्र अवधेश अवस्थी ने बताया कि वर्तमान राज्य सरकार ने एक विधेयक पास कर गौ संवर्धन नीति 2016 में जिस मद से राजस्थान की गौशालाओं को अनुदान मिलता था और गौ संवर्धन के लिए कार्य किया जाता था उस पैसे का अन्य आपदाओं में खर्च करने का  विधेयक विधानसभा में पारित किया। जो गौशालाओं को समाप्त करने की ओर एक कदम है इसका सर्वत्र गौ सेवकों को भक्तों द्वारा विरोध किया जाना गो हित में है गौपुत्र अवधेश अवस्थी  ने बताया कि भाजपा सरकार द्वारा गौ संवर्धन नीति 2016 के द्वारा राज्य में निराश्रित अपंग व अपंग वृद्ध गोवंश के नस्ल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु गोपालन विभाग राजस्थान सरकार द्वारा गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 बनाए जाने की अधिसूचना जारी की गई थी एवं सभी धन इस मद का पैसा मात्र गौशालाओं के संवर्धन और विकास के लिए ही लगाया जाएगा इस पैसे को अनंतर चीजों में खर्च नहीं किया जाएगा। परंतु वर्तमान गाय विरोधी राज्य सरकार ने इस संवर्धन निधि में एक नया विषय जोड़कर इसे आम आपदा प्रबंधन में भी प्रयोग करने के लिए विधानसभा में विधेयक पास किया। उन्होंने बताया कि इस विधेयक का विपक्ष ने पूर्ण रूप से विरोध किया परंतु बिना बहस के हट धर्मी सरकार ने गाय विरोधी गतिविधि करते हुए, इस संवर्धन निधि के फंड को अन्य आपदा प्रबंधन में भी प्रयोग करने का प्रस्ताव जबरदस्ती पास कर दिया।  उन्होंने  कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि वर्तमान सरकार की गाय के पक्ष में कोई विशेष रूचि नहीं है, यह सरकार धीरे-धीरे गौशालाओं के अनुदान को भी खत्म करने का प्रयास कर रही है। कैलाश गोठड़ा ने कहा कि पिछली बार वर्तमान सरकार ने 9 महीने के अनुदान देने की बात कही थी, उस विषय को तो भूल कर सरकार ने इस निधि का अन्य मदों में उपयोग करने का जो अनुशासन आज की है। इससे धीरे धीरे गौशालाओं को अनुदान समाप्त हो जाएगा और सरकार इस निधि का दुरुपयोग कर गौशालाओं को हानि पहुंचाने की चेष्टा करेगी।गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान के प्रदेश महामंत्री गौपुत्र अवधेश अवस्थी ने कहां की राज्य सरकार के पास वर्तमान में जो गौशाला अनुदान के दायरे में नहीं है, ऐसी 1000 गौशालाओं को सहयोग करने का तो पैसा नहीं था परंतु अन्य आपदाओं में खर्च करने के लिए उन्होंने आज बिल पास कर दिया। यह कैसी विडंबना है कि गौ सेवा के लिए इक हुए पैसे को अन्य मदों में खर्च करके सरकार गौ भक्तों, गौ सेवकों और गोसेवी संस्थाओं को जानबूझकर मूर्ख बना रही है।और सरकार की गौ माता के प्रति उसकी निष्ठा पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। गौभक्त ब्रज राज शर्मा  ने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि वे अनुदान भी बढ़ाएगी और 12 माह तक अनुदान देने की सिफारिश करेगी।परंतु सरकार हमारी गाय के मद में आए पैसे को अन्य मदों में खर्च करके गाय के प्रति अन्याय कर रही है। हम गौभक्त ऐसा कदापि नहीं होने देंगे इसके लिए सभी गौ सेवी संगठन  पूरे राजस्थान में जोर शोर से आंदोलन चलाऐगा। सेन  ने कहा कि इसलिए सभी गौशाला संचालकों को इस विधेयक का पुरजोर शब्दों में विरोध करना चाहिए।

ज्ञापन देने वालों में वरिष्ठ समाज सेवक सेवा भारती के  कैलाश गोठड़ा गौभक्त सुशील शर्मा गौभक्त ब्रजराज शर्मा गायत्री परिवार के रूपनारायण मां मोरिया गौभक्त लक्ष्मण चौधरी विश्वेश्वर शर्मा गौशाला संचालक गिरिराज सेन महिंद्र शर्मा गीजगढ़ अशोक गुप्ता पृथ्वी सिंह हर्ष हिंदू मनन अवस्थी गौपुत्र खेमचन्द राजीव गुर्जर सहित दर्जनों गो भक्तों गौशाला संचालकों द्वारा राजस्थान सरकार के इस प्रस्ताव की कड़े शब्दों में निंदा की और चेतावनी देते हुए कहा कि राजस्थान सरकार यदि राजस्थान स्टांप अधिनियम 2020 बिल वापस नहीं लेती है तो सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी ।

दौसा से अवधेश कुमार अवस्थी

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