गुर्जर आरक्षण आन्दोलनकारियो ने रेल्वे ट्रेक की उखाडी  चाबियां,दिल्ली-मुम्बई रेल यातायात ठप्प

मंत्री व कलैक्टर से बार्ता के बाद भी नही माने गुर्जर।रविवार को आरक्षण आन्दोलन से जुडे आक्रोशित युवाओ ने पीलूपुरा के पास रेल्वे ट्रेक की चाबीयो को उखडकर रेल्वे ट्रेक जाम कर दिया। वहां साइड में रखी अतिरिक्त रेल पटरियो को भी भीड ने रेल्वे ट्रेक पर डाल दिया।

Nov 2, 2020 - 02:33
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गुर्जर आरक्षण आन्दोलनकारियो ने रेल्वे ट्रेक की उखाडी  चाबियां,दिल्ली-मुम्बई रेल यातायात ठप्प
गुर्जर आरक्षण आन्दोलनकारियो ने रेल्वे ट्रेक की उखाडी  चाबियां,दिल्ली-मुम्बई रेल यातायात ठप्प

बयाना भरतपुर

बयाना, सूरौठ 01 नवम्बर। गुर्जर आरक्षण से सम्बन्धित मांगो को लेकर दो दिन पूर्व जयपुर में सरकार व गुर्जर समाज के लोगो के बीच हुई समझौता बार्ता व 14 मांगे स्वीकार किये जाने के बाद भी रविवार को आरक्षण आन्दोलन से जुडे आक्रोशित युवाओ ने पीलूपुरा के पास रेल्वे ट्रेक की चाबीयो को उखडकर रेल्वे ट्रेक जाम कर दिया। वहां साइड में रखी अतिरिक्त रेल पटरियो को भी भीड ने रेल्वे ट्रेक पर डाल दिया।

इस दौरान यह आन्दोलनकारी युवा अपनी मांगो के समर्थन व सरकार के विरोध में नारेबाजी करते रहे। हालांकि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोडीसिहं बैंसला व उनकी टीम उग्र आन्दोलन के समर्थन में नही थी। और उन्होने इसे टालने की काफी कोशिश भी की। लेकिन नौजवानो का जोश और उनके पुत्र विजयसिहं बैंसला आन्दोलन को लेकर काफी अग्रेसित थे । जिसे लेकर कर्नल बैसला सहित अन्य लोगो ने भी विजय बैसला को समझाने की कोशिश करते हुऐ टोकाटाकी भी की। और कहा कि यह समाज का आन्दोलन है सभी को एक लटठ से नही हांका जा सकता। गत 17 अक्टूबर को अडडा गांव में हुई गुर्जर महापंचायत में एक नवम्बर को चक्काजाम आन्दोलन करने की चेतावनी दी गई थी। जिसको लेकर शासन व प्रशासन 15 दिनो से चैकसी बनाये हुऐ थे कई बार आन्दोलनकारियो से बार्ता भी की गई। लेकिन बात नही बन सकीं। तब शनिवार को गुर्जर समाज के एक अन्य धडे से जुडे लोगो के 41 सदस्यी प्रतिनिधि मण्डल की जयपुर में सरकार से हुई बार्ता के दौरान समाज की 14 मांगो पर सहमति जताई गई। इसके बाद यहां आरक्षण को लेकर राजनैतिक सरगर्मी और राजनितिक गुटबाजी व खींचतान बढ गई। जिसे देखते हुऐ पुलिस व प्रशासन सहित खुफिया मंत्र भी यहां विशेष रूप से सक्रिय था तीन दिन से जिला कलैक्टर व आईजी सहित अनेको उच्चाधिकारी बयाना में डेरा जमाया बैठे थे। पिछले अनुभवो को देखते हुऐ बयाना व सूरौठ क्षेत्र मेें भारी मात्रा में पुलिस आरएसी, सशस्त्र पुलिस बल,आरएएफ, क्यूआरटी, आरपीएफ जीआरपी, एसटीएफ सहित विभिन्न सुरक्षा बालो की कम्पनीयां चप्पे चप्पे पर तैनात की गई थी। बयाना-हिण्डौन बाया सूरौठ सडक मार्ग व रेल मार्ग पर जगह जगह पुलिस की चैकपोस्ट लगी हुई थी आने जाने वाले लोगो व वाहनो की रोकथाम व पूछताछ भी की जा रही थी। इधर इस आन्दोलन के चलते तीन दिनो से सभी दूरसंचार कम्पनीयो की ऑन लाइन नेटवर्क सेवा भी बन्द करवा दी थी। जो रविवार को भी दिन भर बन्द रही। जिसके चलते मीडिया कर्मियो सहित अन्य लोगो को भी काफी समस्याओ का सामना करना पड रहा है। रविवार को प्रस्तावित आन्दोलन को लेकर सुबह से ही पुलिस व प्रशासन सहित गुर्जर समाज के लोगो में हलचल का माहौल था हालांकि आन्दोलन स्थल पीलूपुरा पर दोपहर 2 बजे तक मामूली संख्या में लोग पहुंच सके थे। विजयबैसला व उनकी टीम आन्दोलनस्थल पर सुबह 11 बजकर 30 मिनट बाद पहुंच गई थी।तब वहां गिने चुने लोग ही मोजूद थे। कर्नल बैसला वहां दोपहर तीन बजे पहुचे। उनके पहुंचने पर वहां भीड बढ गई। इधर पुलिस प्रशासन के अधिकारीयो की भी हलचल और बढ गई। कर्नल बैसला के पहुंचने के बाद वहां जिला कलैक्टर नथमल डिडेल भी पहुंचे और उन्होने आन्दोलन स्थल से कुछ दूरी पर रूककर कर्नल बैसला को वहीं बुलाया और उनसे बातचीत की। इसके बाद जिला कलैक्टर डिडेल ने उपखण्ड अधिकारी सुनील आर्य, जगदीश आर्य के माध्यम से कर्नल बैसला को सरकार से हुऐ समझौते व 14 मांगो से सम्बन्धित मसोदे का लिखित विवरण भिजवाया। इससे पूर्व पीलूपुरा शहीद स्थल पर हुई सभा में कर्नल बैसला ने बताया कि उनकी आज मुख्यमंत्री गहलोत से दूरभाष पर सकारात्मक बातचीत हुई है और उन्होने मुझे समाज की मांगो को लेकर भरोसा दिलाते हुऐ कहा कि कर्नल साहब अभी तो मै जिन्दा हॅू। क्या आपको मुझ पर विश्वास नही है। मुझे मुख्यमंत्री पर पूरा भरोसा है, और यह भरोसा इसलिऐ है कि गुर्जर समाज को आरक्षण का अब तक जो भी लाभ मिला है मुख्यमंत्री गहलोत के प्रयासो से ही मिला है। इस दौरान उन्होने दूरभाष पर खेलमंत्री अशोक चांदना से बात कर उन्हे पीलुपरा आकर समाज को समझौते व मांगो की जानकारी देने को कहा था। विजय बैसला ने मोबाइल फोन का स्पीकर ऑन कर खेल मंत्री चांदना से बात की। कर्नल बैसला ने स्पीकर बन्द कर सामान्य तरीके से बात की। और उनका यह भी कहना था कि वह हमारे समाज का है और मंत्री है हमे सभी के हितो और मर्यादाओ का ध्यान रखना चाहिऐ। उन्होने अग्रेसित लोगो को सम्बोधित करते हुऐ यह भी कहा कि पटरिया उखाडना और आन्दोलन करना कोई बडी बात नही है किन्तु अभी हमें इस पर भी विचार करने की आवश्यकता है कि आपको क्या चाहिऐ और इस आन्दोलन के क्या परिणाम होगे। त्यौहारी सीजन में अन्य लोगो पर भी इसका क्या प्रभाव पडेगा। आन्दोलन स्थल पर कई युवा लाठियां व डंडे लेकर भी पहुंचे। और उतेजक नारेबाजी भी करते रहे। कर्नल बैसला ने बताया कि खेल मंत्री अशोक चांदना सांय तक पीलूपुरा पहुंचेगे। खेलमंत्री के इन्तजार में समाचार लिखे जाने तक गुर्जर समाज के लोगो की भीड पीलूपुरा में व रेल्वे ट्रेक पर जमी हुई है।

इस आन्दोलन को लेकर लागू की गई धारा 144 व रसूका एवं महामारी अधिनियम का कोई खास असर नजर नही आया। पीलुपुरा में इक्कटे हुऐ लोगो का कहना था कि वह कर्नल बैसला के साथ है, और समाज एकजुट है कुछ लोग फूट डालने का काम रहे है। उनका यह भी कहना था कि सरकार से बात करने जयपुर नही जाऐगे उन्हे बात करनी है तो आन्दोलन स्थल पर आकर करे। इधर 41 सदस्यी प्रतिनिधि मण्डल का कोई सदस्य इस दिन आन्दोलन स्थल पर नही पहुंचा जिस पर मौजूद लोगो ने नाराजगी जताई। सभी लोगो का यह भी कहना था कि कर्नल बैसला का फैसला ही सर्वमान्य होगा। 

राजीव झालानी की रिपोर्ट

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