राज्य सरकार की प्रचार सामग्री की उड़ रही है धज्जियां

लक्ष्मणगढ़ (अलवर) कमलेश जैन
एक और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न लाभान्वित योजनाओं के प्रचार प्रसार पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं। वही पूर्व में कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही का मामला उजागर हुआ है।
राहगीर सतीश बसवाल प्रकाश प्रजापत ने बताया कि कस्बे के पुराने हॉस्पिटल वर्तमान में खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के गेट पर पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा चलाई गई बालिका संबल योजना के पंपलेट का एक कट्ठा पड़ा हुआ है।जिसमें से प्रचार सामग्री सड़क पर बिखरी हुई हवा में रोड पर उड़ रही है। पंपलेट से जनता को जागरूक करने के लिए प्रचार प्रसार करना था लेकिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही से यह रद्धी की टोकरी में डाल दिए गए। जो कि आज मेंन रोड पर उड़ते नजर आए।
क्या है बालिका संबल योजना?
दिन प्रतिदिन राज्य में गिरते लिंगानुपात को रोकने के उद्देश्य से वर्ष 2007 - 8 में बालिका संबल योजना की घोषणा की गई। इसके तहत एक या दो बच्चियों पर नसबंदी ऑपरेशन करवाने पर 5 वर्ष तक की बालिकाओं को उनके सुरक्षित भविष्य हेतु आर्थिक संबल प्रदान किया जाता है।
योजना का उद्देश्य ....
- परिवार में बेटियों के सर्वांगीण विकास एवं अच्छी शिक्षा दिलवाने के लिए माता-पिता के साथ-साथ राज्य सरकार की भागीदारी का प्रयास।
- प्रदेश में बाल विवाह की प्रथा को रोकने के लिए माता-पिता को प्रेरित करने की भावना।
- निरंतर बढ़ती हुई आबादी को रोकने का प्रयास।
- कन्या भ्रूण हत्या को रोकने का प्रयास।
योजना के तहत लाभ के लिए चिकित्सा अधिकारी निर्धारित प्रपत्र की पूर्ति कर संबंधित जिले के अतिरिक्त उपमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को भिजवाते हैं जहां से जांच के उपरांत उन्हें अतिरिक्त निदेशक निदेशालय को भिजवाया जाता है। निर्देशक उन्हें प्रबंधन यूटीआई म्युचुअल फंड जयपुर को बाड जारी करने के लिए भिजवा देते हैं।
वर्तमान भाजपा सरकार की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने मुख्यमंत्री बालिका संबल योजना के तहत दी जाने वाली राशि को 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 30 हजार रुपए कर दिया है। दीया कुमारी ने समाज में लिंग भेद उन्मूलन और बालिका के जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री बालिका संबल योजना में दी जाने वाली राशि में इस बढ़ोतरी की वित्तीय स्वीकृति दी है। योजना में पहली एवं दूसरी बालिका के जन्म पर और उसके बाद नसबंदी करवाने की स्थिति में यह राशि दी जाएगी।






