प्रधान पति का पंचायत समिति के कार्य में हस्तक्षेप, BDO ने कहा नहीं कर सकते गुलामी
राजस्थान
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए भले ही सरकार ने पद आरक्षित कर दिए हो लेकिन पंचायती राज में सरपंच पति ,प्रधान पति जैसे शब्दों की भरमार आज भी देखने को मिल रही है सरकार ने कानून को सख्त बनाते हुए पंचायती राज अधिनियम 1994 के अंतर्गत महिला सरपंच ,महिला प्रधान ,महिला जिला पार्षद के स्थान पर उनके पति , ससुर या अन्य रिश्तेदार कार्य नहीं कर पाएंगे लेकिन धरातल पर कुछ और ही नजर आ रहा है
कुछ ऐसा ही नजारा जयपुर जिला परिषद की बुधवार को आयोजित हुई मीटिंग में देखने को मिला जहां पर जिला प्रमुख रमा देवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में जब चाकसू पंचायत समिति की बीडीओ को उनके क्षेत्र के बारे में पूछा तो उन्होंने अपनी परेशानी बतानी शुरू कर दी। बीडीओ ने चाकसू प्रधान उगंता चौधरी के पति बद्री नारायण चौधरी पर आरोप लगाए कि वे महिलाओं पर कमेंट करते हैं। ऑफिस के एक-एक कमरे में जाकर फाइलों को बिना पूछे देखने लगते हैं। फाइलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। पंचायत समिति में भय का माहौल है। यहां अब कोई काम नहीं कर सकता। मैं इनकी गुलामी नहीं कर सकती। ओर BDO कृष्णा माहेश्वरी भरे सदन में फूट-फूट कर रोने लगी। उन्होंने सदन में जिला परिषद CEO से अपना ट्रांसफर करवाने की मांग कर दी।
प्रधान ने भी लगाए आरोप
बीडीओ के आरोप पर चाकसू प्रधान उगंता चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि बीडीओ हमें अनपढ़-गंवार कहती है और बात-बात पर धमकाती है। उन्होंने बीडीओ पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। इस पूरे मामले पर जिला प्रमुख रमा देवी ने कहा कि उन्होंने कमेटी का गठन कर दिया है, जो दोनों के आरोपों की जांच करेगी।