47 साल से बंद धार्मिक स्थल को लेकर फिर गरमाया माहौल, सुरक्षा के लिए मांडल बना छावनी: अफसरों समेत 350 जवान तैनात
1977 में मामला न्यायालय पहुंचा। तब न्यायालय ने दरवाजे पर ताला जड़ने के बाद चाबी मांडल थाने में जमा करा दी।
भीलवाड़ा के मांडल में 47 साल से बंद एक धार्मिक स्थल को लेकर माहौल आज फिर गरमा गया। विवादित धर्मस्थल को खोलने की अफवाहों के कारण क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पूरा कस्बा छावनी बना रहा। चप्पे चप्पे पर पुलिस के अधिकारी- जवान दिखाई दिए। कस्बे में 30 से ज्यादा पॉइंट बनाए गए, जहां पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई।
दरअसल, पूरा विवाद भीलवाड़ा जिला मुख्यालय से मात्र 14 किलोमीटर दूर स्थित मांडल में बने देवनारायण मंदिर को लेकर है। मंदिर को लेकर दो पक्षों में विवाद है। गुर्जर समाज का कहना है कि यह मंदिर उनका है। लेकिन दूसरा पक्ष इसे एक दरगाह बताता है। दोनों पक्षों के बीच कोर्ट में 1977 से मामला विचाराधीन है। कोर्ट के निर्देश पर करीब 47 साल से विवादित धर्मस्थल की चाबी पुलिस की रिसीवरी में है।
क्षेत्र में शांति बनी रहे, इसके लिए पुलिस के जवान तैनात रहते हैं। मंगलवार को देवनारायण मंदिर को फिर से खोलने की अफवाह सोशल मीडिया पर फैली। जिसमें 4 फरवरी को मांडल चलो का आह्वान किया गया। इसके बाद प्रशासन ने ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की। साथ ही एहतियात के तौर पर पुलिस लाइन से जाप्ता मंगवाया गया। वज्र वाहन को भी तैनात किया गया।
कस्बे में 350 जवान तैनात - सहाड़ा के एडिशनल एसपी रोशन लाल पटेल ने बताया- कस्बे मे शांति व्यवस्था को लेकर जिले के विभिन्न थाना पुर, बागोर, बिगोद, बड़लियास, मांडलगढ़, बनेड़ा, करोही से साइबर थाने व 6 अधिकारियो के साथ आरएसी और पुलिस लाइन के 350 जवानों का जाप्ता कस्बे में लगवाया गया। जिन्होंने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई है, उन्हें डिटेन कर विभिन्न धाराओं में कार्यवाही की जाएगी।
3 साल पहले आया था सुर्खियों में - तीन साल पहले 11 मार्च 2022 को गोपाल नाम के एक युवक ने धर्मस्थल का ताला तोड़ दिया था। युवक ने वीडियो भी बनाया था। इस पर दूसरे पक्ष की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने गोपाल को गिरफ्तार कर लिया था।