इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसायटी का उत्कृष्ट प्रदर्शन
महाराणा प्रताप की 485 वीं जयंती पर देश भक्ति और राजस्थानी गानों के अलावा क्षत्राणीयों की वेशभूषा पर हुए सम्मानित

खैरथल (हीरालाल भूरानी ) पुष्कर घाटी नौसर माता मंदिर महाराणा प्रताप स्मारक पर आयोजन समिति की 485 वीं जयंती पर इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसाइटी (आईआईएमएलएस) के संस्थापक मुख्य संरक्षक डॉ लाल थदानी और निदेशक कुंजबिहारी के सांस्कृतिक संयोजन और पत्रकार विजय कुमार शर्मा समन्वयक के संयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान देश भक्ति और राजस्थानी गीतों ने आयोजकों और मंचासीन अतिथियों से भरपूर वाहवाही मिली और उपस्थित सैकड़ो दर्शकों ने प्रत्येक गीत पर तालियां बजाकर वंदे मातरम और महाराणा प्रताप की जय के उद्घोष से स्वागत किया ।
सदस्य एवं प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, केंद्रीय कृषि मंत्री भागीरथ चौधरी, निर्मल आश्रम के स्वामी डॉ. रामेश्वरानंद जी महाराज (न्यूरोसर्जन), समारोह समिति के अध्यक्ष पूर्व न्यास अध्यक्ष धर्मेश जैन द्वारा देश भक्ति गानों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसायटी के संस्थापक संरक्षक डॉ लाल थदानी, निदेशक कुंज बिहारी और समन्वयक विजय कुमार शर्मा महाराणा प्रताप की ट्रॉफी से सम्मानित किया गया तथा श्रेष्ठ राजपूत क्षत्राणी वेशभूषा में रानी चौधरी रश्मि मिश्रा और वंदना मिश्रा को क्रमश : प्रथम द्वितीय तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया ।
इस अवसर पर भारतीय इतिहास संकलन समिति के अध्यक्ष डॉ. सूरज राव, अजमेर दक्षिण विधायक पूर्व मंत्री श्रीमती अनीता भदेल, उपमहापौर नीरज जैन, भाजपा अध्यक्ष रमेश सोनी, सुनील दत्त जैन, डॉ राजू शर्मा, अमित जैन, अर्चना जैन, भारत विकास परिषद से डॉ सुरेश गाबा ने भी बधाइयां देकर हौसला अफ़जाई की।कार्यक्रम का संचालन दिलीप पारीक ने किया । गायकों में उषा मित्तल रश्मि वंदना के राजस्थानी गीत नीले घोड़े रा अवतार और हल्दी घाटी में लड़ियो, दिव्या गोपलानी, सुनीता मिश्रा रानी चौधरी के ओ पवन वेग से उडने वाले घोड़े, विजय हल्दानीया नीरज का तेरी मिट्टी में मिल जावां , डॉ दीपा थदानी और कुंज बिहारी का जहां डाल डाल पर सोने की, डॉ अभिषेक गोपेन्द्र ये देश है वीर जवानों का, मोहन मिश्रा, गणेश का मेरे देश की धरती सोना अगले , आलोक वर्मा, डॉ अभिषेक है प्रीत जहाॅ की रीत सदा रश्मि करुणा टंडन आलोक का हर करम अपना करेंगे, डॉ लाल गणेश गोपेन्द्र के छोडो कल की बातें की उम्दा प्रस्तुति रही।






