अधिकारियों की मिलीभगत के चलते नियम कायदे सब ताक पर, भौगोलिक संतुलन बिगड़ने पर तुले भू माफिया व अधिकारी

Jul 6, 2021 - 00:00
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अधिकारियों की मिलीभगत के चलते नियम कायदे सब ताक पर, भौगोलिक संतुलन बिगड़ने पर तुले भू माफिया  व अधिकारी

लक्ष्मणगढ़ (अलवर,राजस्थान/ गिर्राज प्रसाद सोलंकी) इन दिनों लक्ष्मणगढ़ कस्बे में भू माफियाओं ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। कस्बे के अंदर जमीनों के भाव आसमान को छू रहे हैं अलवर और जयपुर से भी महंगे भाव की जमीन है अब लक्ष्मणगढ़ में खरीद-फरोख्त की जा रही है और नियम कायदों की भी धज्जियां उड़ रही हैं चाहे जमीन जल भराव क्षेत्र की हो चाहे जल निकासी मार्ग की हो चाहे चारागाह हो यहां पर बगैर भूमि रूपांतरण किए ही प्लॉटिंग काटने की तैयारियां चल रही है कृषि के खेतों के अंदर सड़के बना बना कर के अवैध प्लॉटिंग कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। किसानों की जमीन कौड़ियों के भाव खरीद करके और महंगे भावों में प्लॉटिंग करके बेचान किया जा रहा है। यह भू माफिया अधिकारियों की सांठगांठ करके सरकार के राजस्व को लगा रहे हैं करोड़ों रुपए का चूना प्लॉट 30× 45 का बिक रहा है 20 से 30लाख  का और रजिस्ट्री हो रही है तीन लाख की यही खेल कठूमर, मालाखेड़ा,जालूकी रोड पर चल रहा है । फिर ऐसे में आयकर विभाग क्यों चुप्पी साधे बैठा है यहां करोड़ों के सौदा, जबकि ₹5लाख से ऊपर खरीद-फरोख्त होने पर ही आयकर विभाग का शिकंजा कसना चाहिए। इन दिनों काफी लंबे समय से लक्ष्मणगढ़ में नायब तहसीलदार लक्ष्मणगढ़ में पंजीयन का काम भी देख रहे हैं यहां इनके द्वारा बिस्वा में रजिस्ट्री हो रही है । स्टेट हाईवे 35 और 44 होने के बावजूद मुख्य सड़क से 120 फुट की दूरी नहीं छोड़ी जा रही सार्वजनिक विभाग को अपने गोरखधंधे से फुर्सत ही नहीं सरकारी कोष राजस्व की लूट पर कोई कार्रवाई नहीं यहां बगैर किस्म परिवर्तन किए बगैर व्यवसायिक भूखंडयो के बनामा में पंजीकृत किए जाते हैं। यहां पर वैसे ही भौगोलिक संतुलन सही नहीं लक्ष्मणगढ़ कस्बे में तीनों ओर पानी से घिरा हुआ है। यहां नियम कायदों को ताक पर रखते हुए निर्माण कार्य जारी हैं निर्माण कार्य इस तरह से चल रहे हैं ना यहां पर भू जल संसाधन विभाग की स्वीकृति की आवश्यकता है ना ही यहां पर नगर पालिका की स्वीकृतिकी आवश्यकता है, नाही सार्वजनिक निर्माण विभाग, ना वन क्षेत्र, यहां पर भूमाफिया मनमर्जी चलाते हुए अधिकारियों से सांठगांठ बैठ आते हुए और अपना निर्माण को गति दे रहे हैं। अधिकारियों को सूचना होने के पश्चात भी इन पर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं अधिकारी कस्बे में रविवार शनिवार की छुट्टियों को देखते हुए फायदा उठा रहे हैं इन भू माफियाओं ने कस्बे का भू संतुलन भी खो दिया है ,यह अपनी मोटी गाढ़ी कमाई कर कर के चले जाते हैं और बाद में प्लॉट खरीदने वाले कस्बे वासी आपस में झगड़ा करते हैं और पछताते हैं। इन्हें नहीं पता पानी कहां से निकलेगा कहां जाएगा जमीन कैसी है कैसी नहीं है इनो तो केवल फ्लोटिंग करने से मतलब है ,अधिकारी अपना 2 साल 3 साल का समय निकालकर गाडी कमाई करके चले जाते हैं ,इन दिनों कस्बे में भ्रष्टाचार का बोलबाला चरम सीमा पर और भ्रष्टाचार के आगे नियम कायदे कानून सब ताक पर रखे जा रहे हैं लेकर के पटवारी से और उपखंड अधिकारी तक शिकायतें सबके पास है पर कार्यवाही कोई नहीं करना चाहता सब को सब कुछ मालूम है पर क्या करें मायाराम के आगे नियम कायदे भूल जाते हैं। अगर निर्माण सही है तो रातों-रात जेसीबी क्यों चलाई जा रही है अगर निर्माण सही है तो छुट्टियों के दिन निर्माण क्यों हो रहा है उपखंड मुख्यालय पर यह हालात हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में तो क्या बंदरबांट हो रही होगी। इनकी अगर शिकायत लेने पहुंचे तो अक्सर अधिकारी अपने कार्यालय में मिलते नहीं अधिकारी कहते हैं कई जगह का भार है, नायब साहब कहते हैं आज वहां अतिक्रमण हटाने गए आज वहां गए पर भूमाफिया घरों तक इन अधिकारियों के प्रवेश कर जाते हैं और सांठगांठ करके अपना कार्य को गति देते हैं। पर यहां तो जिस की फाइल पर वजन होगा उसी की सुनवाई होगी अंता धक्के खाए जाओ इधर वन विभाग को भी देखना चाहिए आखिर कस्बे के अंदर इतने निर्माण कार्य चल रहे हैं वन विभाग के ऑफिस के करीब पुलिस थाने के सामने वन विभाग के नजदीक बराबर एक रात में लगभग सौ ट्रॉली पत्थर की कस्बे के अंदर प्रवेश कर रही है फिर कहां गए वन विभाग के नियम और कायदे जिन ट्रैक्टरों को कृषि व्यवसाय के लिए बनाया गया था उन्हीं ट्रैक्टरों के द्वारा व्यवसाय किया जा रहा है इन सब बातों से प्रतीत होता है भ्रष्टाचार के आगे नियम कायदे फेल। कई अधिकारी और कर्मचारी तो उपखंड मुख्यालय पर रुकते नहीं और भू माफियाओं के अवैध निर्माण कार्य रुकते नहीं अधिकारी खुद जानबूझकर के मुख्यालय को छोड़ कर चले जाते हैं। कस्बे में पता नहीं कहां-कहां से फ्लोटिंग करने के लिए भूमाफिया आ जाते हैं जिस तरह वर्षा ऋतु में मेंढक निकल निकल के बाहर आते हैं उस तरह कस्बे में भू माफियाओं का आतंक है अब जनता को सजग और जागरूक रहना होगा। अभी हाल में कस्बे में पिछले 15 दिनों से लगातार जल भराव क्षेत्र के अंदर निर्माण कार्य जारी है और कस्बे वासियों के द्वारा सुनने में आया है कि यहां पर मिस्त्री मार्केट तैयार किया जा रहा है यानी कि जलभराव क्षेत्र में दुकानों का निर्माण कार्य उपखंड मुख्यालय पर अगर इन अधिकारियों की मिलीभगत व भ्रष्टाचारीयता नहीं होती तो प्लॉटिंग में नियम कायदा तो होती अब देखना यह है खबर प्रकाशित होने के पश्चात भू माफियाओं पर अंकुश लग पाता है या नहीं अधिकारी नियम कायदों पर आप आते हैं या नहीं। 

असलम खान (एईएन सार्वजनिक निर्माण विभाग लक्ष्मणगढ़) कठूमर रोड पर चल रहे मिस्त्री मार्केट बनाने की हमसे हमारे विभाग से कोई स्वीकृति नहीं ली गई है पूर्व में जब इन से वार्तालाप की गई तो 100 मीटर छोड़कर बाउंड्री वॉल करने की बात इन लोगों ने करी थी पर आज यह आगे तक निर्माण को लेकर आए हैं इसको हम कल दिखाते हैं और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
लखन सिंह (उपखंड अधिकारी लक्ष्मणगढ़) फोन पर सब कुछ जानकारी नहीं दे पाऊंगा कल सुबह दिखावा लेता हूं और जो होगा नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
हनुमान सहाय (हल्का पटवारी) मैं निर्माण कार्य पर बैठा तो नहीं रह सकता मैं उन्हें पाबंद कर के आया हूं फिर भी अगर वह निर्माण करें तो इसमें मैं क्या करूं 24 घंटे मैं नहीं रुक सकता निर्माण पर।
मनीराम मीणा (एईएन भू जल संसाधन विभाग राजगढ़) हमसे हमारे विभाग से कोई स्वीकृति नहीं दी गई है और जांच करा कर के दोषी पाए जाते हैं तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नन्नू मल पहाड़िया (जिला कलेक्टर अलवर) जैसा आपने विदित कराया है और भूमाफिया अगर इस तरह नियम कायदों की अनदेखी कर रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए 3 माह की कैद का भी प्रावधान है।

 

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