हर्षोल्लास से मनाया अनंत चतुर्दशी का पर्व
लक्ष्मणगढ़ (अलवर/ कमलेश जैन) अनंत चतुर्दशी जैन धर्म में भी बहुत महत्व है। इस दिन जैन धर्म के 12व तीर्थंकर वासुपूज भगवान का मोक्षकल्याणक भी है । दिगंबर जैन परंपरा के 10 लक्षण महापर्व का समापन उत्तम ब्रह्मचर्य के साथ हुआ। जैन धर्म में अनंत चतुर्दशी के दिन , श्रावकों द्वारा निर्जल उपवास भी रखा गया। जैन समाज की ओर से मनाए जा रहे दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन मंगलवार को जैन मंदिर में अनंत चतुर्दशी पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। जैन मंदिर में नित्य नियमित पूजा के अलावा तीर्थंकर वासुपूज भगवान की भी पूजा कर मोक्ष कल्याण का निर्वाण लाडू भी चढ़ाया गया। जिन मंदिर में श्रीजी का कलशा अभिषेक किया गया। एवं आज की शांति धारा के पुनर्जक कमलेश कुमार ,धीरज कुमार ,दिव्यांश जैन रहे।
पर्युषण पर्व के अंतिम दिन जैन अनुयाईयो ने व्रत रखा। जैन धर्म में समस्त धर्मों का राजा ब्रह्मचर्य धर्म है। उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म से ही मोक्ष मार्ग मिलता है। सभी श्रद्धालुओं ने पूरी भक्ति के साथ जिन मंदिर में अनंत चतुर्दशी कार्यक्रमों का आनंद पूर्वक पुण्यार्जन लिया। अध्यक्ष सुमेर चंद जैन ने बताया कि 18 सितंबर को क्षमावाणी महापर्व आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर इंदिरा जैन मधु जैन, माला जैन मुन्नी जैन विमला जैन मैना जैन मंजू अंजू ज्योति आदि महिलाओं सहित सुमेरचंद जैन सुमत चंद जैन मोंटू जैन गौरव जैन रोहित जैन हुकुमचंद मुकेश जैन दिव्यांशआदि पुरुष महिला बच्चे सकल जैन समाज उपस्थित था।