हिंन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार, साहित्य जगत के पुरोधा एवं प्रसिद्ध उपन्यासकार डॉ. रांगेय राधव के जन्मदिवस के अवसर पर जयंती मनाई

Jan 17, 2025 - 17:51
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हिंन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार, साहित्य जगत के पुरोधा एवं प्रसिद्ध उपन्यासकार डॉ. रांगेय राधव के जन्मदिवस के अवसर पर जयंती मनाई

वैर (भरतपुर / कौशलेन्द्र दत्तात्रेय)  राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय वैर में हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार, साहित्य जगत के पुरोधा एवं प्रसिद्ध उपन्यासकार डा. रांगेय राघव के जन्मदिवस के अवसर पर विद्यालय के रांगेय राघव पार्क स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनकी जयंती मनाई गई । इस अवसर पर विद्यालय स्टाफ एवं कस्बेवासियों के द्वारा उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर परिचर्चा का आयोजन किया गया ।
प्रधानाचार्य  पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि डा. रांगेय राघव का जन्म 17 जनवरी 1923 को पिता नंवाकम रंगाचार्य एवं माता कनक बल्ली के परिवार में आगरा उत्तर प्रदेश में हुआ था। 39 वर्ष की अल्प आयुकाल में ही उनके द्वारा  साहित्यिक जगत में 100 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया गया । जिसमें 'कब तक पुकारू', घरौंदा, धरती मेरा घर और गदल जैसी पुस्तकों ने उनकी ख्याति को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा । उन्होंने अपने लेखन में ग्रामीण अंचल के जनजीवन, उसमें व्याप्त सामाजिक विकृतियों तथा प्रकृति का उस जनजीवन पर प्रभाव को रेखांकित किया था । इस अवसर पर  गोविंद सिंह धाकड़,  रघुवीर सिंह,  वैदिक कुमार गोयल, अनूप सिंह, सत्यनारायण शर्मा, सतीश ,लखन लाल पुष्प, एवं दिनेश चंद शर्मा,सहित समस्त विद्यालय स्टाफ उपस्थित रहा ।

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